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Vichitra duniya upanyas

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कहानियाँ जो दिल से निकलती हैं, उन्हें सुरक्षित रखना हमारी ज़िम्मेदारी है। Stories that come from the heart, protecting them is our responsibility.

उपन्यास: विचित्र दुनिया 2025 भाग–5|Brahmarakshas Told Raghav the Date of His Death|Author kedar

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यह दृश्य विचित्र दुनिया उपन्यास कहानी का है  विचित्र दुनिया उपन्यास कहानी लेखक— केदारनाथ भारतीय  आप सुन रहे हैं — Author Kedar, जहाँ हर शब्द में बसी है ज़िंदगी की कहानी, आपका एक Like और पूरा वीडियो देखना – मेरे जैसे क्रिएटर के लिए बहुत मायने रखता है। प्लीज़ इसे अंत तक देखिए, और अगर दिल को छू जाए तो शेयर ज़रूर करना कहानियों का यह जादुई सफर अभी शुरू हुआ है… "हा.. हा.. हा.. हा.. हा! अरे मूर्ख लड़की! मेरे आने का कारण पूछती है? हा.. हा.. हा.. हा..! मेरे आने का कारण है – इस लड़के के प्रति तेरी दीवानगी, तेरी बेसुमार चाहतें और तेरी प्यार भरी उल्फ़तें, समझी? हा...! हा...! हा...! हा! पागल लड़की! तुम्हें पता है यह कौन है? यह मानव है – मानव! हाड़–मांस का, दिमागी मानव! तुम इसके साथ शादी कैसे करोगी, जबकि तुम एक आत्मा हो – बिना शरीर के, बिना नरकंकाल के! फिर भी तुम्हारी शादी इसी से हमने सुनिश्चित कर दी है, सिर्फ तुम्हारी मोहब्बत देखकर।" "किंतु इससे पहले कि तुम्हारी शादी इससे संभव हो – इसकी आत्मा इसके शरीर से बाहर निकालनी होगी... अर्थात इसकी मौत! हा...! हा...! हा...! हा..! इसकी मौत! हा.....

सिर्फ ₹10 से बदले अपना भविष्य|Change Your Future with Just ₹10

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जब कोई अकेला सोचता है, तो वह सपना होता है… लेकिन जब कई लोग मिलकर उसी सोच को आगे बढ़ाते हैं – वह क्रांति बन जाती है। "एक चिप्स मशीन, एक ज़िंदगी" चलिए मिलकर एक बेरोजगार को आत्मनिर्भर बनाते हैं  "कभी-कभी एक छोटी सी मदद किसी के पूरे भविष्य की दिशा बदल सकती है..." नमस्कार प्रिय पाठकों, मैं Nagendra Bharatiy, आपके ब्लॉग KedarKahani.in पर एक विशेष अपील लेकर आया हूँ। आज मैं आपसे किसी कहानी के बारे में नहीं, बल्कि एक सच्ची ज़िंदगी के बारे में बात करना चाहता हूँ। एक ऐसे इंसान की, जो पढ़ा-लिखा है, मेहनती है, लेकिन हालातों ने उसे बेरोजगार बना रखा है। 🧍‍♂️ उसका परिचय वो कोई भिखारी नहीं है, कोई मदद का आदी नहीं है — बस उसे एक मौके की ज़रूरत है, एक मशीन की ज़रूरत है, जिससे वह खुद अपने पैरों पर खड़ा हो सके। उसके पास हुनर है, ईमानदारी है, पर न साधन है, न सहारा। 🥔 हम क्या करना चाहते हैं? हम उसे एक Potato Chips Slicer Machine और पैकिंग मशीन देना चाहते हैं, ताकि वह अपने घर से ही घरेलू चिप्स बिज़नेस शुरू कर सके। इससे उसकी दैनिक कमाई ₹500 से ₹1000 तक हो सकती है, और धीरे-धीरे वह अपने परि...

उपन्यास:विचित्र दुनिया 20250भाग–4|Vichitra duniya 4|shashikala—Love or a Magical Trap?

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विचित्र दुनिया "उपन्यास" कहानी के  एक दृश्य जिसमें शशिकला और राघव  अपने प्यार का एक नाम देते हुए। आप सुन रहे हैं — Author Kedar, जहाँ हर शब्द में बसी है ज़िंदगी की कहानी, और हर आवाज़ ले चलती है आपको भावनाओं की गहराइयों तक। कहानियों का यह जादुई सफर अभी शुरू हुआ है… "अरे! ये क्या ?, पूरी चाय मे खून!"  खून की चाय, "No.... नह्ही, ऐसा नही हो सकता!"  वह आखिरकार तैस में आकर बोल ही पड़ा— ये चाय! चाय मे खून.... ये कैसी चाय है! म.... ममैं आपकी ये चाय नही पी सकता!  बिल्कुल नही पी सकता। विचित्र दुनिया — एक ऐसी दास्तान, जो आपकी सोच से परे है। यह कहानी एक आम इंसान की है... लेकिन एक ऐसी त्रासदी से गुज़रने की है, जिसे सुनकर आपकी रूह कांप उठेगी। यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक है, लेकिन इसके हर शब्द में एक सच्चाई की झलक छुपी है। आप जिस कहानी को पढ़ रहे हैं, उसके लेखक हैं — केदारनाथ भारतीय, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) से। वेबसाइट: www.kedarkahani.in सरल स्वभाव और समाज की गहराई से समझ रखने वाले केदारनाथ जी ने इस कहानी को उन सच्चाइयों से प्रेरित होकर लिखा है, जो हमें अक्सर न...

उपन्यास:विचित्र दुनिया 2025 भाग –3|Vichitra duniya part 3|Author kedar

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"विचित्र दुनिया भाग 3, राघव फंसा गिद्धों के झुंड में" आप सुन रहे हैं — Author Kedar, जहाँ हर शब्द में बसी है ज़िंदगी की कहानी, और हर आवाज़ ले चलती है आपको भावनाओं की गहराइयों तक। कहानियों का यह जादुई सफर अभी शुरू हुआ है… 🎧 राघव इससे पहले कि कुछ समझ पाता, वह गिद्घ के चंगुल मे फस गया, और गिद्ध उन्हे आकाश मंडल में हिलोरे मारते हुए ले उड़ा .... राघव, जय श्री राम,जय हनुमान का स्मरण कर उन्हे जोर जोर से पुकार रहा था, उनके चंगुलो से छूटने के लिए  वह अपनी पूरी ताकत लगा दिया,किंतु वह असफल रहा । विचित्र दुनिया — एक ऐसी दास्तान, जो आपकी सोच से परे है। यह कहानी एक आम इंसान की है... लेकिन एक ऐसी त्रासदी से गुज़रने की है, जिसे सुनकर आपकी रूह कांप उठेगी। यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक है, लेकिन इसके हर शब्द में एक सच्चाई की झलक छुपी है। आप जिस कहानी को पढ़ रहे हैं, उसके लेखक हैं — केदारनाथ भारतीय, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) से। वेबसाइट: www.kedarkahani.in सरल स्वभाव और समाज की गहराई से समझ रखने वाले केदारनाथ जी ने इस कहानी को उन सच्चाइयों से प्रेरित होकर लिखा है, जो हमें अक्सर नजर नहीं आतीं ...

उपन्यास:विचित्र दुनिया 2025 भाग 2|Vichitr duniya bhag 2|Author kedar

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मानव आत्माएं तेजी भागती हुई। जब यादें बन जाएँ अंधेरा… और हर रास्ता ले जाए अनजाने डर की ओर। क्या राघव अपने अतीत से निकल पाएगा? जानिए ‘विचित्र दुनिया’ के इस अध्याय में। भाग – 2 राघव फंसा आत्माओं के बीच मैं बिना मृत्यु के जीना चाहता हूँ, आजाद होकर स्वछंद होकर जीवन बिताना चाहता हु। मैं मृत्यु से इतना दूर चला जाना चाहता हूँ कि जहाँ हजार- हजार जन्म लेने के बाद भी वह मेरे निकट न पहुँच सके इसलिए जाने दो, रोको मत।  विचित्र दुनिया — एक ऐसी दास्तान, जो आपकी सोच से परे है। यह कहानी एक आम इंसान की है... लेकिन एक ऐसी त्रासदी से गुज़रने की है, जिसे सुनकर आपकी रूह कांप उठेगी। यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक है, लेकिन इसके हर शब्द में एक सच्चाई की झलक छुपी है। आप जिस कहानी को पढ़ रहे हैं, उसके लेखक हैं — केदारनाथ भारतीय, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) से। वेबसाइट: www.kedarkahani.in सरल स्वभाव और समाज की गहराई से समझ रखने वाले केदारनाथ जी ने इस कहानी को उन सच्चाइयों से प्रेरित होकर लिखा है, जो हमें अक्सर नजर नहीं आतीं "विचित्र दुनिया" सिर्फ एक कहानी नहीं है ! ये एक अनुभव है, जो आपको अंदर तक हिला कर रख ...

कर्म और भाग्य की लड़ाई भाग 7|karm aur bhagya ki ladai apisode 7| Ravi sir aur chitaranjandas

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Karm aur bhagya ki ladai  रवि सर और चितरंजन दास की वार्तालाप । नमस्कार और स्वागत है! आप देख रहे हैं Author Kedar, जहाँ शब्दों से ज़िंदगी बदलती है और कहानियाँ दिल को छू जाती हैं। आज हम लेकर आए हैं "कर्म और भाग्य की लड़ाई" की अगली कड़ी – एक ऐसी कहानी, जहाँ हर मोड़ पर सवाल उठता है । जहां शब्द मिलते हैं, वहां कहानियां सुनाई देती हैं। कहते हैं, इंसान अपना भाग्य खुद लिखता है... लेकिन क्या वाकई?  या फिर भाग्य ही इंसान की राहें तय करता है?  यह कहानी है चितरंजन दास की...एक ऐसा नौजवान, जिसने गरीबी से लड़ने का संकल्प लिया। अपनों के लिए सबकुछ छोड़ दिया...  लेकिन क्या वह अपने भाग्य को बदल पाया ?  यह कहानी काल्पनिक है, लेकिन समाज की सच्चाइयों से प्रेरित।  आप जिस कहानी को पढ़ रहे हैं, उसके लेखक हैं — केदारनाथ भारतीय, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) से। सरल मिजाज और गहरी सामाजिक समझ रखने वाले केदारनाथ जी ने इस कहानी को समाज, देश और दुनिया की सच्चाइयों को देखते हुए रचा है। इस प्रेरक कथा का शीर्षक है — 'कर्म और भाग्य की लड़ाई: चितरंजन दास की संघर्ष गाथा'। यह है भाग – 7। हर मोड़ पर ...