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ब्रह्मराक्षस ने राघव को सुनाई मौत की तारीख!"Brahmarakshas Told Raghav the Date of His Death" Author kedar|(विचित्र दुनिया उपन्यास कहानी भाग 5)

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यह दृश्य विचित्र दुनिया उपन्यास कहानी का है  विचित्र दुनिया उपन्यास कहानी लेखक— केदारनाथ भारतीय  आप सुन रहे हैं — Author Kedar, जहाँ हर शब्द में बसी है ज़िंदगी की कहानी, आपका एक Like और पूरा वीडियो देखना – मेरे जैसे क्रिएटर के लिए बहुत मायने रखता है। प्लीज़ इसे अंत तक देखिए, और अगर दिल को छू जाए तो शेयर ज़रूर करना कहानियों का यह जादुई सफर अभी शुरू हुआ है… "हा.. हा.. हा.. हा.. हा! अरे मूर्ख लड़की! मेरे आने का कारण पूछती है? हा.. हा.. हा.. हा..! मेरे आने का कारण है – इस लड़के के प्रति तेरी दीवानगी, तेरी बेसुमार चाहतें और तेरी प्यार भरी उल्फ़तें, समझी? हा...! हा...! हा...! हा! पागल लड़की! तुम्हें पता है यह कौन है? यह मानव है – मानव! हाड़–मांस का, दिमागी मानव! तुम इसके साथ शादी कैसे करोगी, जबकि तुम एक आत्मा हो – बिना शरीर के, बिना नरकंकाल के! फिर भी तुम्हारी शादी इसी से हमने सुनिश्चित कर दी है, सिर्फ तुम्हारी मोहब्बत देखकर।" "किंतु इससे पहले कि तुम्हारी शादी इससे संभव हो – इसकी आत्मा इसके शरीर से बाहर निकालनी होगी... अर्थात इसकी मौत! हा...! हा...! हा...! हा..! इसकी मौत! हा.....

विचित्र दुनिया भाग 4|Vichitra duniya 4|शशिकला का प्यार या मायावी जाल?|shashikala—Love or a Magical Trap?

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विचित्र दुनिया "उपन्यास" कहानी के  एक दृश्य जिसमें शशिकला और राघव  अपने प्यार का एक नाम देते हुए। आप सुन रहे हैं — Author Kedar, जहाँ हर शब्द में बसी है ज़िंदगी की कहानी, और हर आवाज़ ले चलती है आपको भावनाओं की गहराइयों तक। कहानियों का यह जादुई सफर अभी शुरू हुआ है… "अरे! ये क्या ?, पूरी चाय मे खून!"  खून की चाय, "No.... नह्ही, ऐसा नही हो सकता!"  वह आखिरकार तैस में आकर बोल ही पड़ा— ये चाय! चाय मे खून.... ये कैसी चाय है! म.... ममैं आपकी ये चाय नही पी सकता!  बिल्कुल नही पी सकता। विचित्र दुनिया — एक ऐसी दास्तान, जो आपकी सोच से परे है। यह कहानी एक आम इंसान की है... लेकिन एक ऐसी त्रासदी से गुज़रने की है, जिसे सुनकर आपकी रूह कांप उठेगी। यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक है, लेकिन इसके हर शब्द में एक सच्चाई की झलक छुपी है। आप जिस कहानी को पढ़ रहे हैं, उसके लेखक हैं — केदारनाथ भारतीय, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) से। वेबसाइट: www.kedarkahani.in सरल स्वभाव और समाज की गहराई से समझ रखने वाले केदारनाथ जी ने इस कहानी को उन सच्चाइयों से प्रेरित होकर लिखा है, जो हमें अक्सर न...