खामोश शरीर, चीखता मस्तिष्क|Silent Body, Screaming Brain.| Brain Hemorrhage.

Silent Body, Screaming Brain. कभी-कभी शरीर बोलता नहीं… पर मस्तिष्क अंदर से चीखता है। ये कहानी है एक ऐसी पुकार की… जो सुनी नहीं गई। एक ऐसी चुप्पी… जो मौत बन गई। एक अधेड़ उम्र का आदमी चुपचाप कुर्सी पर बैठा है, चेहरा थका हुआ, आंखों में खालीपन… और बैकग्राउंड में ब्रेन की आवाज़ सुनाई देती है – “क्या कोई मेरी चीख सुन सकता है? तब जाके ब्रेन ने की विटामिन्स से बात । लेखक: नागेन्द्र भारतीय स्रोत: www.kedarkahani.in | www.magicalstorybynb.in शरीर के भीतर, मस्तिष्क के अंदरूनी हिस्से में... चारों ओर सन्नाटा था। रक्त का प्रवाह धीमा पड़ रहा था, नसों में तनाव था, और मस्तिष्क के भीतर एक गूंज सी हो रही थी। ब्रेन (मस्तिष्क) थककर बैठा था। वो बेचैन था – दर्द में, कमजोर, और भ्रमित। ब्रेन (धीमे स्वर में): क्या हो रहा है मुझे? सोच नहीं पा रहा… कुछ गड़बड़ है… बहुत गड़बड़। इसी बीच एक चमकदार रोशनी अंदर आई – जैसे कोई शक्ति आ रही हो। यह कोई और नहीं, बल्कि विटामिन्स थे – शरीर के असली रक्षक। प्रवेश – विटामिन्स की टोली विटामिन B12: तुम बहुत परेशान लग रहे हो ब्रेन। क्या अब भी समय है कुछ ठीक करने का? ब्रेन: ...