कर्म और भाग्य की लड़ाई|Karm aur bhagya ki ladai episode 1
कर्म और भाग्य की लड़ाई - केदार की कलम से चितरंजन दास और उसकी गरीबी कहते हैं, इंसान अपना भाग्य खुद लिखता है... लेकिन क्या वाकई? या फिर भाग्य ही इंसान की राहें तय करता है? यह कहानी है चितरंजन दास की... एक ऐसा नौजवान, जिसने गरीबी से लड़ने का संकल्प लिया, अपनों के लिए सबकुछ छोड़ दिया... लेकिन क्या वह अपने भाग्य को बदल पाया?" "यह कहानी काल्पनिक है, लेकिन समाज की सच्चाइयों से प्रेरित। इसके पात्र और घटनाएँ किसी भी जीवित व्यक्ति या स्थान से मेल खा सकती हैं, पर यह केवल एक संयोग होगा। लेखक: केदार नाथ भारतीय" कर्म और भाग्य की लड़ाई| चितरंजन दास की संघर्ष गाथा
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